न्यूक्लिअर डील के बारे मैं एक बात जानना ज़रूरी है की बहुत से तरक्की याफ्ता मुल्क अपने देश के कानून मैं बदलाव कर चुके है की वो अपने मुल्क से इस प्रोजेक्ट को ख़त्म करेंगे इसके खत्रात देख कर जापान और फ्रांस परमुख हैं। अमरीका भी और कोई नया नुक्लेअर प्रोजेक्ट अपने यहाँ नहीं लगा रहा है। पता नहीं क्योँ भारत क्योँ इतना उतावला है नुक्लेअर प्रोजेक्ट के लिए वो भी अमेरिका के शर्तों पे।
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