मोदी जी का प्रोटोकॉल तोड़ कर ओबामा के स्वागत मैं जाना , एक दोसरे की तारीफ , दवतबाज़ी ओबामा की सुरक्षा दस्ता ओबामा की कार ,ओबामा का कुत्ता, मिशेल ओबामा के लिए साडी ,प्रधानमंत्री जी के कपडे आदि की ही चर्चा चलती रही हफ़्तों से । शायद टीवी वालों के पास भी कुछ और नहीं था दिखाने को। ऐसा भी नहीं ओबामा पहली बार आये थे भारत। सबसे एहम बात ये है की अमेरिकी रास्ट्रपति के भारत के दौरे से भारत को क्या मिला सरकार को सर्वाजनिक करना चाहिए।
Wednesday, January 28, 2015
न्यूक्लिअर डील के बारे मैं एक बात जानना ज़रूरी है की बहुत से तरक्की याफ्ता मुल्क अपने देश के कानून मैं बदलाव कर चुके है की वो अपने मुल्क से इस प्रोजेक्ट को ख़त्म करेंगे इसके खत्रात देख कर जापान और फ्रांस परमुख हैं। अमरीका भी और कोई नया नुक्लेअर प्रोजेक्ट अपने यहाँ नहीं लगा रहा है। पता नहीं क्योँ भारत क्योँ इतना उतावला है नुक्लेअर प्रोजेक्ट के लिए वो भी अमेरिका के शर्तों पे।
भारत का संविधान ही भारत की जान है । संविधान से छेड छाड़ मतलब भारत की आत्मा से छेड छाड़ करना। बीजेपी और शिवशेना ने असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। सरकार संविधान से सेक्युलर और समाजवाद का शब्द हटाना चाहती है। हिन्दोस्तान की एकता और अखंडता इसी शब्दों से कायम है। इन प्रावधानों को हटने से देश की अखंडता खत्म होने का खतरा है।
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